विजय पथ
विजय पथ
आधार छंद-- आनंदवर्धक सममात्रिक
परिचय-- महा पौराणिक वर्ग भेद (6765)
मापनी -SISS-SISS-सीस
पदांत-- IS / III
जीत होगी ठान कर आगे बढ़ो।
साध लो दिल में तभी पर्वत चढ़ो।।
कब रुका तूफान किसके सामने।
चल पड़े जो कदम मुश्किल थामने।।
चढ़ हिमालय का शिखर झुकना नहीं।
देख कर दुर्गम सफर रुकना नहीं।।
रुक गया जो किस तरह आगे बढ़े।
राह में तेरी बहुत रोड़े पड़े।।
है अगर जीवन सफर को साधना।
कर भरोसा खुद कमर को बाँधना।।
चल निकल ये राह खुद ही कह रही।
देर मत कर वक्त - धारा बह रही।।
आभार - नवीन पहल- १२.०३.२०२४🙏🏻🌹
Varsha_Upadhyay
14-Mar-2024 05:56 PM
Nice
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Dilawar Singh
14-Mar-2024 11:32 AM
अद्भुत 👌👌
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Mohammed urooj khan
13-Mar-2024 04:24 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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